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झूट फैलाना बंध करें

  • Writer: Chirajit Paul
    Chirajit Paul
  • Aug 23, 2020
  • 1 min read

कवि: चिरजित पाल


झूट फैलाना बंध करें

गलत सिखाना बंध करें

बच्चों में ग़ुलामी का

सोच डलवाना बंध करें

यह देश वीरों का हैं

यह देश अमीरों का हैं

सतरा हज़ार वर्षों से

सर उठके जीने का हैं

विज्ञानं का चर्चा तब किये थे

जब बाकि दुनिया सो रहा था

आध्यात्मिक सच तब निकाले

जब एक दूसरे से लड़ रहा था

फिर, मारने वाले बहुत आ गए

तोरने वाले बहुत आ गए

ग़ुलामी का इतिहास लिखने के लिए

चापलूस भी बहुत आ गए

चर्का काटके आज़ादी नहीं आता

गुलाब लगाके आज़ादी नहीं आता

मरनेवाले वह अगर न होते

तोह राष्ट्रगान गाने का नौबत नहीं आता

एक झांसी वाली रानी थी

एक मंगल करके पांडे था

एक भगत नाम का सिंह था

आज़ाद हिन्द की पूरी पल्टन थी

तब जाके अंग्रेज़ों ने

परेशान होके भागा था

तोह, झूट फैलाना बंध करें

कहानी बनाना बंध करें

जो वीर हैं उनका नमन करें

सच का सभी सम्मान करें


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